BETHESDA PRIMARY TEACHERS' EDUCATION COLLEGE

CHAIRMAN MESSAGE

Rt. Rev. Marshel Kerketta
Chairman BPTEC
बेथेसदा एक कुंड (छोटा तालाब ) है जो अरामी भाषा में बेतहसदा कहा जाता था, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'दया का सागर' अथार्त उस कुंड में दया के कारण अनेक प्रकार के रोगी बीमारी से छुटकारा पते थे। उस कुंड के पानी को स्वर्गदूत समय-समय पर हिलाया करते थे और जो पहले उतरता था  वो स्वस्थ हो जाता था।
इसी को आधार मान कर जी. ई. एल. चर्च 1948  ई. में बेथेसदा प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय की स्थापना की ताकि :

१. गरीब लोगो को परिशिक्षण दिया जा सके
२. आर्थिक रूप से बीमार व्यक्ति प्रशिक्षित होकर काम करें और आर्थिक रूप से चंगा हो जाये।
३. समाज में शिक्षा रूपी ज्योति जलाकर अंधकार रूपी बीमारी को दूर किया जा सके। 
४. समाज में विकलांग लोगो की सेवा की  जा सके।
५. समाज में बेसहारा लोगों को भी शिक्षा देकर स्वास्थय किया जा सके।
६. समाज में दया का काम शिक्षा देकर किया जा सके।
७. समाज में साक्षी का काम किया जा सके।
उपर्युक्त बिंदुओं को लेकर बेथेसदा महाविद्यालय देश में प्रशिक्षण देकर लोगों को रोज़गार पाने के लिए तैयार करती है जो शिक्षिका के रूप में भिन्न भिन्न स्कूलों में सेवा दे रही हैं। 
शुभकामना प्रगट करते हैं की यह संस्था दिन प्रतिदिन दया के कामों को करने में आगे बढ़े और उन्नति पावे।
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The Gossner Evangelical Lutheran Church in Chotanagpur and Assam has established and administers the Bethesda Primary Teachers' Education College, Ranchi under the Fundamental Rights guaranteed by Article 30 of the Constitution of India, primarily for students professing the Christian faith, but also admits others irrespective of caste, creed and colour but while admitting students appointing lecturers the organization shall maintain Regional character and shall see that the institution maintains an atmosphere which respects and promotes Christian values...
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